Chanakya Niti हिंदी में
Chanakya Niti प्रथम अध्याय श्लोक सातवां
भविष्य में आने वाली मुसीबतों के लिए धन एकत्रित करें, ऐसा ना सोचे कि धनवान व्यक्ति को मुसीबत कैसी? जब धन साथ छोड़ता है तो संगठित घन भी तेजी से घटने लगता है.
दोस्तों आचार्य चाणक्य इस नीति में कहते हैं कि आपातकाल के लिए यानी कि बुरे समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए वैसे छठवे श्लोक में भी चाणक्य ने बोला है कि पैसे की रक्षा करनी चाहिए सातवें श्लोक में कहा है कि पैसे की रक्षा करनी चाहिए लेकिन यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि पैसे वाले व्यक्ति को कभी प्रॉब्लम नहीं आ सकती क्योंकि पैसा ऐसी चीज है जिसका कोई भरोसा नहीं, वह आप का साथ कभी भी छोड़ सकता है इसीलिए पैसे आपको कैसे बचाने है और पैसों का महत्व क्या है वह भी सीखना होगा.
एक महान लेखक कहते हैं कि पैसे कमाना उतना ही कठिन है जितना पैसे को बचाए रखना चलिए इस नीति को समझने के लिए मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं मैं आशा करता हूं यह कहानी आपको पसंद आएगी तो कहानी कुछ इस तरह है –
एक गरीब इंसान था. वह इतना गरीब था कि वह अपने परिवार का पालन पोषण भी बड़ी मुश्किल से कर पाता था फिर भी वह अपनी बेटी की शादी बड़े अच्छे से करना चाहता था और उसके सपने देखता था और अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर एक बड़ा आदमी बनाना चाहता था वैसे अक्सर उसे अपनी गरीबी पर गुस्सा आता था लेकिन उस का भाग्य अचानक बदल गया लॉटरी लग गई, एक साथ बहुत सारा रूपया हाथ में आते ही उसने 10-15 सिलाई की मशीन खरीद कर कारीगर को बिठा दिया. देखते ही देखते उसका काम बहुत बढ़ गया और वो एक बहुत बड़ी कंपनी का मालिक बन गया.
अब तक उसके बच्चे भी बड़े हो गए थे लेकिन बाप के अपार पैसे से उनकी आदत बिगड़ गई थी वैसे औलाद हर आदमी की कमजोरी होती है, हर मां बाप की कमजोरी होती है उसकी भी यही कमजोरी थी इसीलिए उसने कभी अपने बच्चों को रोकने की कोशिश नहीं की न ही कभी उसने कभी पूछा कि पैसे कहां खर्च होते हैं और ना ही कभी यह जानने की कोशिश की कि वह पैसे कैसे खर्च होते हैं और ऐसा करते करते हैं उसका बैंक बैलेंस खत्म हो चुका था. उसके पास जो स्टाफ था, कारीगर थे उनको तनख्वाह देने तक के भी पैसे नहीं बचे थे और यही कारण से उसका कारखाना बंद हो गया वह पहले से भी ज्यादा गरीब हो गया.
देखा आपने जब तक वह इंसान अपनी सोच से पैसे को उपयोग करता था तब तक उसकी उन्नति हो रही थी वह आगे बढ़ रहा था, दिन-ब-दिन पैसे भी कमा रहा था उसके पास पैसा बढ़ता गया लेकिन जैसे ही पैसों का फिजूल खर्च होने लगा उसमें लापरवाही आई, वह अपना पैसा खोने लगा और एक टाइम ऐसा आया कि वह कंगाल हो गया और उसे कंगाल होने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगा.
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एक बात जरूर याद रखें कि हर एक इंसान का समय आता है हो सकता है आपका भी आये और आपके पास बहुत सारे पैसे आ जाये लेकिन अगर आप आगे बढ़ना चाहते हैं और पैसे साथ लेकर चलना चाहते हैं तो आपको पैसे का महत्व समझना जरूरी है तभी आप साफल्य को बनाये रख पाएँगे.