पारसी इस दिन को नए साल के पहले दिन की तरह मनाते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे 1 जनवरी को ब्रिटिश का नया वर्ष और चैत्र शुक्ल को हिन्दू नव वर्ष मनाया जाता है।
पारसी नव वर्ष यानी नवरोज मानाने की परंपरा लगभग 3000 सालों से चली आ रही है।
पारसी नव वर्ष पूरी दुनिया के अलग-अलग देशों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
नवरोज को ईरान, पाकिस्तान, इराक, बहरीन, तजाकिस्तान, भारत, आदि देशों में मनाया जाता है।
पारसी इस दिन को पाप के अंत का समय मानते हैं।
इस दिन लोग अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
इस दिन लोग अपने घरों और दिल से अनावश्यक वस्तुओं और विचारों को साफ करते हैं।
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