अगर अभी आप शुरुआत कर रहे हैं, तो कम समय चुनना आपको मदद कर सकता है, जैसे शुरुआत में 5 या 10 मिनट का ही समय दें।
अपने शरीर पर ध्यान दें
आप कुर्सी पर बैठ कर अपने पाँव फर्श पर रख सकते हैं, आप क्रॉस लेग में बैठ सकते हैं, आप जमीन पर पलथी मार कर बैठ सकते हैं यानी कहने का मतलब है आप कैसे भी बैठ सकते हैं.
अपनी सांसों को महसूस करो
सबसे पहले अपनी आँखें बंद कर लें, फिर अपनी आने वाली और जाने वाली सांसों को महसूस करें.
आपका दिमाग भटकने पर ध्यान दें
समय-समय पर आपका ध्यान सांसों को छोड़कर कुछ और ही सोचने लगेगा, लेकिन कोई बात नहीं यह स्वभाविक है, जैसे ही आपको इस बात का पता चले कि आपका दिमाग भटक गया है बस अपना ध्यान फिर से सांसों पर ले आएं।
विचारों को जज न करें
दिमाग के भटकने पर आपके मन में जो विचार आएं हैं उनको बस देख लें बिना किसी जजमेंट के यानी अच्छे या बुरे की फीलिंग के बिना।
अपने अंदरूनी शरीर पर ध्यान दें
सांसों में ध्यान लगाते हुए अगर अपने शरीर में कोई संवेदना होती है तो धीरे से उस पर ध्यान दें.
मेडिटेशन समाप्त करें
कुछ देर मेडिटेशन करने के बाद, अपनी आखें खोल लें, अब आप उठ सकते हैं, शुरुवात में केवल 5 या 10 मिनट का समय भी पर्याप्त हैं।
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