आज हम बात करेंगे Solar System के कुछ हैरतअंगेज रहस्यों की, आज की पोस्ट में हम आपके लिए कुछ ऐसी जानकारी लेकर आए हैं जो आपके लिए बिल्कुल नई तथा हैरान कर देने वाली है इसलिए पोस्ट को ध्यान से अंत तक पढ़िएगा.
Source – Wikipedia
पृथ्वी का सबसे निकट उपग्रह चंद्रमा है जो कि हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है? हर रात जब हम चंद्रमा को देखते हैं तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि यह हमेशा से इतनी ही दूरी पर है परंतु यह पूरी तरह से सत्य नहीं है. चंद्रमा पृथ्वी से 3.78 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की गति से दूर जा रहा है जिसका कारण है धरती और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण शक्ति, धरती व चंद्रमा दोनों ही एक दूसरे को अपनी ओर खींचते हैं. चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण पृथ्वी पर समुद्र में ज्वार उत्पन्न होता है ज्वार के कारण उत्पन्न हुआ उभार चंद्रमा के ठीक नीचे नहीं होता, जहां पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है वही चंद्रमा 27 दिन में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है. हम देख सकते हैं कि धरती की परिक्रमा करने की गति चंद्रमा की अपेक्षा कहीं अधिक है जिस कारण समुन्द्र का उभार चंद्रमा से आगे रहता है और अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति जो की बहुत मामूली सी होती है से चंद्रमा को अपनी ओर खींचता है परिणाम स्वरुप चंद्रमा की गति बढ़ जाती है इस गति वृधि के कारण ही चंद्रमा अपने परिक्रमा पथ से थोड़ा दूर चला जाता है.
सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह का नाम है बुद्ध जो सूर्य के सबसे करीब है, सूर्य के पास होने के बाद भी यह सबसे गर्म ग्रह नहीं है इसका कारण है कार्बन डाइऑक्साइड का न होना जो की सूर्य की किरणों को सोखती है साथ ही बुद्ध सबसे पहला तथा सबसे हल्का ग्रह है और इस गृह का कोई चंद्रमा नहीं है.
सौरमंडल का सबसे अधिक गर्म ग्रह है शुक्र जो कि सबसे अधिक चमकता भी है. इसे धरती से भी देखा जा सकता है. हलाकि सूर्य के सबसे पास बुद्ध है परंतु सबसे अधिक गर्म शुक्र है क्योंकि इस ग्रह पर वातावरण है और कार्बन डाइऑक्साइड भी उपस्थित है. शुक्र गृह का तापमान 462 डिग्री सेल्सियस है. इसका आकार पृथ्वी के समान होने के कारण इसे प्रथ्वी की बहन भी कहा जाता है और यह गृह घड़ी की दिशा में घूमता है. इसके अतिरिक्त यूरेनस भी घड़ी की दिशा में घूमता है बाकी सभी ग्रह घडी की विपरीत दिशा में घूमते हैं.
वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार भविष्य में मंगल ग्रह के पास भी संभव अपना एक वलय होगा, मंगल ग्रह के अपने दो चंद्रमा है फोबोस और डिमोज़, फोबोस आकार में अधिक बढ़ा है और बहुत तेज गति से मंगल की परिक्रमा करता है. गति तेज होने के कारण यह 1 दिन में दो बार परिक्रमा करता है, मंगल का यह उपग्रह मंगल की ओर बढ़ता जा रहा है पहले ऐसा कहा जाता था कि फोबोस मंगल ग्रह से टकरा जाएगा परंतु नए अध्ययन के अनुसार ऐसी संभावना है कि फोबोस मंगल ग्रह से टकराने से पहले गुरुत्वाकर्षण शक्ति से टूट जाएगा और इस के टुकडे एकत्रित होकर एक वलय के आकार में मंगल के चारों ओर फैल जाएँगे और इस प्रकार मंगल ग्रह के चारों ओर भी एक वलय होगा.
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Good
Dhanywad