दुख और कठिनाइयों का सामना कर रहें है तो श्रीकृष्ण का यह सन्देश जरूर पढ़े | Facing Problems Quotes by Krishna
आपने मटकी को तो देखा ही होगा? एक कुम्हार इस मटकी को बड़ी यातना से, बड़ी सावधानी से बनाता है. वह इसे अग्नि में तपाता है और इस योग्य बनाता है की भीषण ताप में यह प्यासों की प्यास बुझा सके.
मटकी बनाने की किर्या का आरंभ जल से होता है यदि जल ना हो तो इसकी माटी को ना तो गुथा जा सकता है और ना ही इसे आकार दिया जा सकता है.
जल इसका लक्ष्य है क्योकि इसे अपने भीतर जल को संचित करके रखना है परंतु आरंभ और लक्ष्य के मध्य इसे एक कठिन तपस्या से होकर जाना होता है. इसे ताप सहना होता है, रात भर अलाव में पकना पढता है और यही समस्या मनुष्य के साथ भी होती है. यदि उसे अपने जीवन में लक्ष्य पाना है तो उसे दुखों का, कठिनाइयों का और बाधाओं का ताप सहना होगा, क्योंकि जिस प्रकार बिना तपा हुआ घड़ा जल का संचय नहीं कर सकता उसी प्रकार बिना दुःख और कठिनाइयों का सामना किये मनुष्य बड़ा लक्ष्य नही पा सकता. इसलिए दुःख और कठिनाइयों से घबराएँ नही यह तो आपको और मजबूत बनाने आये हैं.