दोस्तों रातों-रात सुरंग खोदकर, बैंक के लाकर रूम से करोड़ों की चोरी होते हुए आपने कई मूवीज में देखा होगा, लेकिन ऐसा सिर्फ मूवीज तक ही सिमित नहीं है. जी हाँ, इन मूवीज के अलावा रियल लाइफ में भी अपने भारत देश में ही कुछ ऐसी चोरी या डकैती हुई हैं जिनको भुला पाना बहुत मुश्किल है।
कुछ चोरियां तो ऐसी हैं जिनके सामने फिल्मों की कहनियाँ भी फींकी नज़र आती हैं, आज की इस वीडियो में हम ऐसी ही भारत में हुई 3 मशहूर डकैतियाँ के बारे में बात करने वाले हैं। ये ऐसी डकैतियाँ थी जिसने सबके होश उड़ा दिए थे, तो चलिए जानते हैं इनके बारे में-
1 – पंजाब नेशनल बैंक में 100 करोड़ की चोरी (2014)
इस घटना में हरियाणा के सोनीपत जिले में 125 फ़ीट लम्बी एक सुरंग खोदकर 4 चोरों का एक ग्रुप पंजाब नेशनल बैंक के लाकर रूम तक पहुँचता है और बैंक के 70 से ज्यादा लॉकर तोड़कर यहाँ से कैश, ज्वेलरी जैसी कीमती चीजें लेकर फरार हो जाता है।
इस चोरी की प्लानिंग बिल्कुल एक मूवी की स्क्रिप्ट जैसी ही तैयार की गयी थी। लुटेरे पास के एक खाली घर से सुरंग खोदना शुरू करते हैं जो सीधा बैंक तक पहुँचती है। इस घटना की जानकरी तब सामने आती है जब संडे की छुट्टी के बाद सोमवार की सुबह बैंक को खोला जाता है। यानी इस लूट को शनिवार की रात से रविवार की रात के बीच अंजाम दिया गया।
बैंक में कुल 350 लॉकर थे जिसमें से इन लुटेरों ने 77 लॉकर को तोड़कर इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस का इस घटना में ये भी मानना था कि बैंक अधिकारियों द्वारा सुरक्षा नियमों का सही से पालन नहीं किया गया था। क्योंकि लॉकर रूम बहुत साधरण सा बनाया गया था और इसकी दीवारों के लिए भी साधारण सीमेंट का उपयोग किया गया था।
घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस 3 लुटेरों को गिरफ्तार कर लेती लेकिन लूट के मास्टरमाइंड की डेथ बॉडी पुलिस को मिलती है। इस घटना में चोरी किया गया लगभग सभी कीमती सामान जैसे ज्वेलरी और बांड बरामद कर लिया जाता है, लेकिन ज्यादातर कैश पुलिस को बरामद नहीं होता है।
2 – चलती ट्रेन से करोड़ों की चोरी (2016)
ये घटना उस समय की है जब 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक, सेलम-चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस से 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऐसा कैश ट्रांसफर कर रही थी जिसे डिस्ट्रॉय किया जाना था। यात्रा की शुरुवात तमिलनाडु के सलेम जिले से होती है जहां इस ट्रेन के दो डिब्बे नोटों से भरे हुए थे, और एक बोगी RBI के अधिकारियों और रेलवे पुलिस से भरी हुई थी।
यात्रा के दौरान ही चलती ट्रैन में लुटेरों के एक गिरोह ने उस कोच की छत को गैस बर्नर की हेल्प से काटना शुरू किया जिसमें कैश रखा गया था और ये लोग लगभग 6 करोड़ रुपये की चोरी करने में कामयाब रहे।
हालाँकि, इन लुटेरों की ख़ुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही 500 और 1000 के नोटों को अमान्य बताते हुए विमुद्रीकरण यानि Demonetization की घोषणा करते हैं। घटना के पुरे 2 साल के बाद पुलिस इस गिरोह के सात सदस्यों को पकड़ लेती है। जिसमें ये चोर दावा करते हैं की नोटों के अमान्य होने के कारण इन्होने लगभग 2 करोड़ रुपये का कैश जला दिया क्योंकि ये लोग इसे बैंक में जमा करने या उपयोग करने में असमर्थ थे।
3 – लुधियाना बैंक डकैती (1987)
लुधियाना बैंक डकैती के लिए लाभ सिंह नाम का व्यक्ति मास्टरमाइंड था। इसके अलावा उसे सुखदेव सिंह, सुखा सिपाही और जनरल लाभ सिंह नाम से भी जाना जाता था। यह व्यक्ति पंजाब पुलिस का एक पूर्व अधिकारी था जो बाद में उग्रवादी बन गया।
लाभ सिंह खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख था। लाभ सिंह और उसके साथियों ने पंजाब नेशनल बैंक की मिलर गंज शाखा लुधियाना से लगभग 6 करोड़ रुपये लूट लिए थे। KCF यानी खालिस्तान कमांडो फोर्स के 12 सदस्यों ने इस दिन पुलिसकर्मियों की ड्रेस पहनी और लुधियाना की एक पंजाब नेशनल बैंक शाखा में घुस गए। यहाँ से उन्होंने लगभग 6 करोड़ रुपये लूट लिए।
यह बात 1987 की है यानी उस समय के 6 करोड़ रुपये आज के लगभग 65 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हैं। यह पैसा कभी भी वापिस नहीं मिल सका और माना जाता है कि इसमें से अधिकांश पैसा KCF के लिए हथियार और गोला-बारूद खरीदने में Use किया गया।
कहा जाता है कि लूट में शामिल होने वालों अधिकांश सदस्य अगले कुछ सालों में पुलिस के साथ अलग-अलग Encounters में मारे गए। KCF का प्रमुख लाभ सिंह भी इसी तरह एक Encounter में मारा गया।
तो दोस्तों ये थी भारत की वो मशहूर डकैतियाँ जिनको आज भी भुला नहीं जा सकता, लेकिन एक बाद साफ़ है की अपराध कितनी भी सफाई से क्यों ना किया जाएँ अपराधी लगभग हर समय पकड़ा ही जाता है।
बदलते ज़माने के साथ ये अपराधी भी शातिर हो रहे हैं इसलिए जरूरत है की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को भी मॉडर्न टेक्नोलॉजी से अपडेट रखा जाएँ।
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