कल्पना चावला का जीवन परिचय | Kalpana Chawla Information in Hindi
Kalpana Chawla (अंतरिक्ष की परी) –
इस दुनिया में जन्मे सभी लोगों को एक ना एक दिन इस खूबसूरत दुनिया को छोड़ कर जाना होता है मगर दुनिया में कुछ लोग सिर्फ जीने के लिए आते हैं मौत तो महज़ उनके शरीर को खत्म करती है आज मैं बात करने जा रहा हूं भारत की बहादुर बेटी
कल्पना चावला की भले ही 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ
कल्पना की उड़ान रुक गई लेकिन आज भी वह दुनिया के लिए एक मिसाल है, तो चलिये जानते हैं
कल्पना चावला का जीवन परिचय यानि
Kalpana Chawla Information in Hindi.
सोच को कोई नही रोक सकता-
सोच हमेशा उड़ान भरती आई है और भरती रहेगी, अंतरिक्ष की परी कही जाने वाली कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था, कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थी उनके पिता का नाम बनारसी लाल और मां का नाम संज्योती है बचपन में सभी लोग उन्हें मोटू कह कर बुलाते थे।
कल्पना नाम के अनुरूप ही बचपन से वो बहुत कल्पना भरी सोच रखती थी वह हमेशा आकाश और उसकी ऊंचाइयों के बारे में सोचती रहती थी। अपने पापा से विमान और चांद-तारों के बारे में बात किया करती थी। कल्पना की प्रारंभिक पढाई करनाल के टैगोर स्कूल में हुई फिर कल्पना ने 1982 में चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनोटीकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली इसके बाद वो अपने सपनो को पूरा करने अमेरिका चली गयी यहाँ उन्होंने किसी यूनिवर्सिटी से P.Hd की उपाधि प्राप्त की।
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कल्पना को 1998 में नासा में शामिल कर लिया गया कि यहां रहकर उन्होंने बहुत सारे रिसर्च किये, उनके लगन और मेहनत को देखते हुए बाद में उन्हें अंतरिक्ष मिशन की टॉप 15 की टीम में शामिल कर लिया गया और देखते ही देखते उन 6 लोगों की टीम में भी उनका नाम आ गया जिन्हें अंतरिक्ष में भेजा जाना था और इसी तरह कल्पना के सपनों को अब पंख लग चुके थे।
Kalpana Chawla Information in hindi
उनका पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवंबर 1997 को 6 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष शटल कोलंबिया की उड़ान STS 87 से शुरू हुआ. कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी यह मिशन सफलतापूर्वक 5 दिसंबर 1997 को समाप्त हुआ उसके बाद भारत के टैलेंट को पूरे विश्व में जाना जाने लगा जिस समय भारत के लोगों को अंतरिक्ष की समझ भी नहीं थी उस समय भारत की बेटी कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाकर पूरे विश्व में भारत का परचम लहराया था सभी ने उनके जज़्बे को सलाम किया और 5 साल के बाद फिर से नासा ने उन्हें अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना कल्पना चावला की दूसरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल से ही आरंभ हुई थी यह 16 दिन का मिशन था इस मिशन पर उन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिलकर लगभग 80 परीक्षण और प्रयोग किए लेकिन फिर वह हुआ जिसे सोचकर आँखें भर आती हैं, हाथों में फूल लिए हुए स्वागत के लिए खड़े वैज्ञानिक और अंतरिक्ष प्रेमी सहित पूरा विश्व उस नज़ारे को देखकर शोक में डूब गया। धरती पर उतरने में सिर्फ 16 मिनट बाकी रह गये थे की तभी अचानक शटल ब्लास्ट हो गया और कल्पना के साथ-साथ सभी अंतरिक्ष यात्री मारे गये।
भले ही
कल्पना उस दुर्घटना की शिकार हुई हो लेकिन वो आज भी हमारे दिलों में जिंदा है वो आज पूरे विश्व के लोगों के लिए आदर्श है मै फिर से वही बात कहूँगा दुनिया में कुछ लोग सिर्फ जीने के लिए आते हैं मौत तो महज उनके शरीर को खत्म करती है।
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