यह Hindi Moral Story (कहानी) है दो भेडियों की जिसमे से एक भेड़िया बहुत ही बुरा था, बहुत जल्दी गुस्से में आ जाता था, अपने बारे में ही सोचता था, मतलबी था और दूसरा भेड़िया प्यार से भरा हुआ था हमेशा जमीन से जुड़ा रहता था, दूसरों के बारे में भी सोचता था, खुश रहता था।
क्या आप जानते है इसी तरीके के दो भेडिये हमारे अंदर भी है जो आपस में लड़ते रहते है, दिन में कई बार इनमें आपस में जंग चलती है और अंत में जीतता वही है जिसको हम ज्यादा खाना खिलाते है।
जब भी हमें गुस्सा आता हैं या घमंड से भर जाते हैं या लालच आता है तो उस टाइम हम जाने अनजानेअपने बुरे भेड़िए को और खाना खिला रहे होते हैं और ऐसे में अगर दूसरी तरफ से हमें कोई कुछ कह दे और हमें कुछ सुना दे तो हमारा गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और हम अपने बुरे भेडिये को और ताकतवर बना देते हैं उसको और खाना खिला देते हैं।
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और इस तरह से वो बुरा भेड़िया कब हम पर काबू पाकर हमें अपना गुलाम बना लेता है हमें पता भी नहीं चलता और यही कारण है कि दुनिया के ज्यादातर लोग अपने बुरे भेडिये को खाना खिला रहे हैं और नेगेटिव जिंदगी बिता रहे हैं।
आपने ऐसे भी कुछ लोग देखे होंगे जो किसी भी परिस्थिति में कभी अपना टेम्पर नहीं खोते है, कभी अपने बुरे भेड़िए को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते, हमेशा खुश रहते हैं क्योंकि वह हमेशा अपने अच्छे बभेडिये को खाना खिला रहे होते है।
हर दिन हमें कई ऐसे मौके मिलते हैं जब हम खुद को यह सवाल पूछ सकते हैं की इस वक्त बुरे भेडिये को खाना खिलाकर और ज्यादा नेगेटिव और गुस्से वाला बनकर दुखी होना है या अच्छे भेडिये को खाना खिला कर खुश रहना और दूसरों को भी खुश रखना है।
तो आप किस भेडिये को ज्यादा खाना खिलाने वाले हैं कमेंट में जरूर बताना, मेरी हमेशा कोशिश रहती है आपकी जिंदगी को बेहतर बनाता रहूं उसके लिए मै लगातार ऐसी Hindi Moral Story पोस्ट करते रहता हूँ इसलिए हमें बुकमार्क करना न भूलें।