After Success Message by Shri Krishna
जीवन में सफल कौन नहीं होना चाहता? पद और प्रतिष्ठा में आकाश जैसी उचाई किसे नहीं चाहिए? स्थिरता में भूमि जैसे दृढ़ता किसे नहीं चाहिए? सभी को चाहिए, है न?
परंतु सफलता का पुष्प अपने साथ अहंकार का कांटा भी लाता है, सफलता आपको आनंद देती है, उपलब्धि आपको गर्व देती और फिर यही आनंद धीरे-धीरे अहंकार में परिवर्तित हो जाता है फिर अतिक्रमण में और अंततः अन्याय में और यही सफलता का नाश प्रारंभ हो जाता है.
यदि आप चाहते हैं कि आपकी सफलता लोगों की दृष्टि में सम्मान बन कर रहे, लोगों के मन में शूल बनकर नहीं तो ये आप वृक्ष से सीखिए. फलों से लदने के पश्चात वह झुक जाता है उसी प्रकार सफलता मिलने पर विनम्रता अधिक आवश्यक है और जीवन में अधिक सफलता पाने के लिए या पाने पर और अधिक विनम्र हो जाना चाहिए