मसूरी-नैनीताल के बाद यह स्थान पर्यटकों की पहली पसंद बना

Image: Chakrata hill station (Source: Social Media)

उत्तराखंड की प्राकृतिक खूबसूरती की बात ही कुछ और है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ऐतिहासिक के साथ पारंपरिक दृष्टि से भी अहम स्थान रखता है।

Chakrata Hill Station Uttarakhand

हम बात कर रहे हैं चकराता की, जिसे अंग्रेजों ने आजादी के समय बसाया था। लेकिन स्थिति यह है कि वर्तमान में चकराता में अंग्रेजों का प्रवेश वर्जित है। जी हां, विदेशी पर्यटकों के लिए कोई प्रवेश द्वार नहीं है और केवल भारतीय पर्यटक ही यहां की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थलों का लुत्फ उठा सकते हैं। नैनीताल-मसूरी के बाद पर्यटक चकराता का खूब लुत्फ उठाते हैं।

जौनसार-बावर का मुख्य शहर या यूं कहें कि चकराता मुख्यालय, ब्रिटिश काल में स्थापित एक प्रमुख छावनी है। चकराता उत्तराखंड के कुछ बेहद खूबसूरत इलाकों में से एक है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी लोक परंपराओं और संस्कृति के लिए देश और दुनिया को आकर्षित करता है। चकराता की स्थापना 1866 में यमुना नदी और टोंस के बीच समुद्र तल से 2,118 मीटर की ऊंचाई पर हुई थी। 1869 में ब्रिटिश सरकार ने इसे कैंट बोर्ड के अधीन किया।

चकराता में स्थित झील-झरने और खूबसूरत घाटियां देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों का ध्यान खींचती हैं। इतना ही नहीं, विदेशों में रहने वाले लोग भी इस शहर की यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन वे इसकी सुंदरता नहीं देख पाते। हाल के वर्षों में, विदेशी पर्यटकों ने अपने बाइक यात्रा के दौरान इस कस्बे से गुजरने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कभी भी इस कस्बे से गुजरने की अनुमति नहीं दी गई। उत्तराखंड का चकराता अभी भी भारतीय सेना का एक सैन्य अड्डा है। वहीं, यहां से चीन की दूरी भी काफी कम है। 1962 में इंडोचाइना युद्ध के बाद तिब्बती यूनिट यहां इकट्ठा हुई थी। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से यहां विदेशी पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है। यहां केवल भारतीय ही जा सकते हैं।

वहीं, गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक इन दिनों पहाड़ी रिसॉर्ट्स का रुख करते हैं। शुक्रवार रात बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आ गए, जिससे जाम की स्थिति बन गई। पर्यटक घंटों जाम में फंसे रहे। छावनी बाजार गुलजार हो गया। चकराता छावनी बाजार के शहीद चौक से लेकर चुंगी और गुरुद्वारा चौक तक पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिला।

आप चकराता में क्या देख सकते हैं?

टाइगर फॉल– यहां पहुंचकर आप 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता टाइगर फॉल भी देख सकेंगे। हालांकि यहां पहुंचने के लिए आपको करीब 6 किलोमीटर पैदल चलना होगा। क्योंकि टाइगर फॉल तक किसी भी तरह का कोई वाहन नहीं जाता है। इसके अलावा चकराता से चार किलोमीटर की दूरी तय कर चिरमिरी पहुंचकर आप सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा भी देख सकते हैं। इसके अलावा आप चिलमारी नेक, देवबन बर्ड वाचिंग, जमुना एडवेंचर पार्क मुंडाली, किमोना फॉल्स आदि का लुत्फ भी उठा सकते हैं।

मैं उत्तराखंड के किच्छा का रहने वाला हूँ। मुझे लिखना पसंद है और इसीलिए मैंने अपना ये ब्लॉग शुरू किया है जहाँ मैं हमेशा कुछ ऐसा शेयर करने की कोशिस करता हूँ जिससे आप कुछ नया सीख सकें।

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