Chanakya Niti हिंदी में
चाणक्य नीति प्रथम अध्याय श्लोक पांचवा
दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है.
आचार्य चाणक्य इस नीति में कहते हैं कि यह 4 चीजें किसी भी व्यक्ति के लिए जीती जागती मृत्यु के समान है जिसमें एक दुष्ट पत्नी, दुष्ट मित्र, बदमाश सामिल है, घर में रहने वाले सांप को भी मार देना चाहिए, ऐसा ना करने पर व्यक्ति के जीवन को हर समय खतरा बना रहता है.
किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए उसकी पत्नी उसका एक अहम हिस्सा होती है और पत्नी का दुष्ट होना मृत्यु के समान ही माना जाता है अगर उसकी पत्नी दुष्ट है और समझदार नहीं है जो किसी भी बात को समझती नहीं तो वह आत्महत्या करने पर विवश हो सकता है यही चीज स्त्री पर भी लागू होती है अगर उसका पति उसकी बातों को समझता नहीं या फिर वह दुष्ट है और किसी अन्य स्त्री के साथ उसका संबंध है तो उसके लिए वह व्यक्ति किसी काम का नहीं है और वह दुष्ट व्यक्ति माना जाएगा इसीलिए ऐसी स्त्री या फिर ऐसे पुरुष को अपनी जिंदगी से दूर रखना ही अच्छा रहता है क्योकि यही लोग आपकी मृत्यु का कारण बन सकते हैं.
उसी तरह एक झूठा दोस्त अगर आपका मित्र है और आप के आस पास आकर बैठता है तो वह आपके लिए अहितकारी हो सकता है यानी कि वह आपको प्रॉब्लम में डाल सकता है. एक छोटा सा झूठ किसी की भी जिंदगी को बर्बाद कर सकता है ऐसे दोस्तों से बचकर रहना जरूरी है.
फिर चाणक्य कहते हैं कि एक सेवक यानि नौकर भी घर के गुप्त रहस्य जानता है और एक बदमाश नौकर आपके जो भी सीक्रेट है वह बाहर भी बता सकता हैं तो इस तरह वह आपको मुसीबत में डाल सकता है इसीलिए चाणक्य ने कहा है कि ऐसे नौकर से भी सावधानी बरतनी पड़ती है.