सुखी और दुखी रहने के कुछ कारण
वैसे तो सुख और दुःख हमारे जीवन का एक हिस्सा है। सुख और दुःख एक तरंग की तरह चलते है जिसमे सुख और दुःख दोनों का आना स्वाभाविक है। कोई भी इंसान हमेसा सुखी या हमेशा दुखी नही रह सकता है। परन्तु कुछ कारण हैं जिनके होने पर मनुस्य जीवन में सुख और दुःख पता है।
तो आइये जानते है सुखी और दुखी रहने के कुछ कारण।
सुखी रहने के कुछ कारण।
1 – सदैव काम में व्यस्त रहना।
2 – कम से कम बोलना।
3 – न बोलना भी सीखना।
4 – हमेसा सोच समझ कर बोलना।
5 – सलाह सबसे लेना परन्तु जो सव्यं को उचित लगे सदैव वही कार्य करना।
6 – आप सही सलामत और ज़िंदा है और भविष्य आपके हाथ में हैं, ये भी खुश रहने का एक कारण है।
यह भी पढ़ें – Republic Day Speech in Hindi
दुखी रहने के कुछ कारण।
1 – लेन देन का हिसाब न रखना।
1 – लेन देन का हिसाब न रखना।
2 – किसी के लिए कुछ न करना।
3 – हमेशा अपने ही फायदे के लिए सोचना।
4 – अपनी ही बात को सत्य मानना।
5 – बिना मांगे सलाह देना।
6 – कोई भी काम समय से न करना।
यह भी पढ़ें – मेटावर्स क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
जीवन में सदा सुखी कैसे रहा जाये जाने इस किताब में –
तो इन बातो को सदैव ध्यान रखे और सुखी रहने के कारणों को अपनी आदत बना ले , आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने शुरू हो जायेंगे।
धन्यवाद !
अमित त्रिपाठी