Metaverse Kya Hai? | मेटावर्स क्या है पूरी जानकरी हिंदी में

Metaverse – मेटावर्स क्या है?, मेटावर्स का इतिहास, Metaverse कैसे काम करता है?, फायदे-नुकसान, मेटावर्स से जुड़े सवाल-जवाब

मेटावर्स क्या है

आज कल हमें मेटावर्स शब्द बहुत ज्यादा पढ़ने और सुनने को मिल रहा है। इस शब्द ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इसलिए हर कोई जानना चाहता है कि मेटावर्स क्या है (What is Metaverse in Hindi) और ये कैसे काम करता है? अगर आप उन लोगों में से हैं जो मेटावर्स क्या है इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं, तो इस हिंदी आर्टिकल में आपको इसकी पूरी जानकारी मिलेगी।

What is metaverse? | मेटावर्स क्या है?

मैं जानता हूँ की आप जानना चाहते हैं की मेटावर्स क्या है और इसीलिए आप यह पोस्ट पढ़ रहे हैं तो सबसे पहले आपको बता दूँ की Metaverse दो शब्दों से मिलकर बना है Meta और Vesre, Meta एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब होगा है Beyond यानी की परे और Verse को Universe से लिया गया है यानी Metaverse का मतलब है इस यूनिवर्स यानी ब्रह्माण्ड के परे या पार।

साधारण भाषा में बताऊ तो Metaverse एक वर्चुअल यानी आभासी दुनिया है जहां आप वर्चुअली प्रवेश करते हैं लेकिन आपको ऐसा महशूस होता है की आप वास्तविकता में उस जगह पर मौजूद हैं.

इस आभासी दुनिया में आप कहीं भी जा सकते हैं जैसे शॉपिंग करने, गेम खेलने, किसी से मिलने या जो भी आपका मन करें।

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मेटावर्स को एक्सेस करने के लिए, आपको एक हेडसेट लगाना होता है जिसके बाद आप इस वर्चुअल रियलिटी में प्रवेश कर सकते हैं।

कहा जा रहा है की Metaverse इंटरनेट को पूरी तरह से बदल देगा और Metaverse ही Future है, खैर ये तो भविष्य में ही पता चेलगा तब तक हम जानते हैं मेटावर्स के बारे में सब कुछ।

यह भी पढ़ें – Umran Malik Biography in Hindi

मेटावर्स का इतिहास

मेटावर्स शब्द का जिक्र सबसे पहले लगभग 30 साल पहले 1992 में नील स्टीफेंसन द्वारा लिखे गए एक उपन्यास, Snow Crash में किया गया था। इस उपन्यास में बताया गया था की बाहरी दुनिया पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है और रहने लायक नहीं बची है जिस कारण लोगों को अंदर ही एक Virtual Reality में जीना पड़ता है और इसी Virtual Reality की दुनिया के लिए नील स्टीफेंसन ने Metaverse शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले किया था।

मेटावर्स क्यों चर्चा में है?

फिलहाल फेसबुक द्वारा कुछ समय पहले ही रिब्रांडिंग करते हुए अपने आप को Meta नाम दिया है जिसके बाद Metaverse शब्द एक बार फिर से काफी चर्चा में आ गया है। मार्क ज़ुकेरबर्ग ने कहा है की हम एक सोशल मीडिया कंपनी से मेटावर्स कंपनी बनना चाहते हैं।

Metaverse कैसे काम करता है?

मेटावर्स दो तरह से काम करता है जिसमें पहला है AR यानी Augmented Reality और दूसरा है VR यानी Virtual reality, ये दोनों ही Technology पहले से ही मौजूद हैं और अब इसे ही और ज्यादा विकसित करके मेटावर्स में उपयोग किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें – Anupam Mittal Biography in Hindi

मेटावर्स के फायदे

  • मेटावर्स का Use करके हम एक बिल्कुल नयी दुनिया में प्रवेश करने वाला है जहाँ होगा तो सब कुछ आभासी लेकिन हमें महशूस सब कुछ वास्तविक जैसा होगा। इस तरह मेटावर्स द्वारा हम कुछ नया देखने जा रहे हैं।
  • Education Sector में मेटावर्स एक गेम चंगेर साबित होगा, मेटावर्स के द्वारा बोरिंग लम्बी क्लासेज की जगह हम चीजों को महशूस करके पढ़ सकते हैं।
  • Office की Online मीटिंग में आपको ऐसा नहीं लगेगा की आप एक दुसरे से दूर होकर मीटिंग कर रहे हैं यानी इन मीटिंग्स में भी आपको वास्तविकता नज़र आएगी।
  • अगर आपको गेम खेलना पसंद है तो आपके लिए मेटावर्स सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि गेम खेलते समय आप चाहते हैं की आप उस गेम को Feel कर सके और मेटावर्स इसमें आपके सबसे ज्यादा काम आएगा।
  • मेटावर्स Online दुनिया है और यहाँ पर भी लोग अपनी अलग-अलग तरह की जरूरतें पूरा करने आएँगे ऐसे में आप इस Online दुनिया में अपनी सर्विस देकर या जॉब करके पैसे भी कमा सकते हैं।

मेटावर्स के नुकसान

  • IANS की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेटा (पूर्व में फेसबुक) भी इस बात से अवगत है कि Virtual Reality विशेष रूप से महिलाओं और Minorities के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
  • डिजिटल दुनिया में उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है, यह कुछ ऐसा है जिसे हम कई वर्षों देखते आ रहे हैं। मेटावर्स के आने से ये डिजिटल उत्पीड़न और अधिक बढ़ सकता है जो खासकर महिलाओं के लिए काफी खतरनाक है।
  • इसके अलावा Privacy और Security को बनाये रखना भी एक बड़ी चुनौती है।
  • सोशल मीडिया के इस ज़माने में लोग वैसे ही एक दुसरे से वास्तविक रूप से काफी दूर हो गए हैं अब मेटावर्स के आने के बाद वास्तविक दूरी का और बढ़ना भी तय है।
  • आज इंटरनेट पर ही हमारा डाटा सुरक्षित नहीं है तो मेटावर्स में डाटा को सुरक्षित रख पाना एक बहुत बड़ी चुनौती साबित होगा।

FAQ – मेटावर्स से जुड़े सवाल और उनके जवाब

मेटावर्स कब आएगा?

मार्क ज़ुकेरबर्ग के अनुसार मेटावर्स को आने में 5 से 10 साल का समय लग सकता है, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है की इसे आने में 10 साल से ज्यादा का समय लगना तय है लेकिन मेरी राय में “मेटावर्स कब आएगा?” से ज्यादा जरूरी सवाल ये है की क्या मेटावर्स सफल होगा? क्योंकि पता नहीं लोग इसे पसंद करे या नहीं, क्या लोगों को इसकी जरूरत है?

खैर क्या आपको मेटावर्स एक Successful Technology नज़र आती है? अपना जवाब कमेंट के माध्यम से आप हम तक पंहुचा सकते हैं।

हमारा फेसबुक पेज फॉलो करने के लिए – यहाँ क्लिक करें

यह भी पढ़ें – OBC Creamy और OBC Non-Creamy Layer में क्या अंतर है?

मैं उत्तराखंड के किच्छा का रहने वाला हूँ। मुझे लिखना पसंद है और इसीलिए मैंने अपना ये ब्लॉग शुरू किया है जहाँ मैं हमेशा कुछ ऐसा शेयर करने की कोशिस करता हूँ जिससे आप कुछ नया सीख सकें।

Leave a Comment